और हवा खामोश हो गई और हवा खामोश हो गई
सुबह नौ बजे तक नींद खुली तो देखा भीड़ जमा थी । सुबह नौ बजे तक नींद खुली तो देखा भीड़ जमा थी ।
मेरे यहां पोता नहीं पोती हुई है। जिसकी खुशी हमने थाली बजाकर जाहिर की थी। मेरे यहां पोता नहीं पोती हुई है। जिसकी खुशी हमने थाली बजाकर जाहिर की थी।
चुल्लू भर पानी में डूब मरो* ये कहकर बोले आज से हमारा तुम्हारा संबंध खत्म हो गया... चुल्लू भर पानी में डूब मरो* ये कहकर बोले आज से हमारा तुम्हारा संबंध खत्म हो गया....
हम सब के घरों मे काम करने आती है वो तब जा कर कही दो रोटी खाती है वो... हम सब के घरों मे काम करने आती है वो तब जा कर कही दो रोटी खाती है वो...
अब उसे माँ की बातें याद आने लगी। कहा था न माँ ने, "आज शाम को मत जाओ! रविवार को दिन में चली जाना! ... अब उसे माँ की बातें याद आने लगी। कहा था न माँ ने, "आज शाम को मत जाओ! रविवार को...